जो भुगत कर भी थोथी अकड़ से नहीं उबर पाते, उन्हें ऊपर वाला भी
जो भुगत कर भी थोथी अकड़ से नहीं उबर पाते, उन्हें ऊपर वाला भी उबारने से पहले दस बार सोचता है।
🙅प्रणय प्रभात🙅
जो भुगत कर भी थोथी अकड़ से नहीं उबर पाते, उन्हें ऊपर वाला भी उबारने से पहले दस बार सोचता है।
🙅प्रणय प्रभात🙅