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20 Jul 2024 · 1 min read

जो भी मिल जाए मत खाओ, जो स्वच्छ मिले वह ही खाओ (राधेश्यामी छ

जो भी मिल जाए मत खाओ, जो स्वच्छ मिले वह ही खाओ (राधेश्यामी छंद)

जो भी मिल जाए मत खाओ, जो स्वच्छ मिले वह ही खाओ
मांसाहारी भोजन अशुद्ध, इसको जीवन में ठुकराओ
मदिरा का पान नहीं करना, यह मानव को पी जाती है
बस खान-पान को शुद्ध रखो, सब सिद्धि इसी से आती है

रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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