जो न कभी करते हैं क्रंदन, भले भोगते भोग
जो न कभी करते हैं क्रंदन, भले भोगते भोग
जो दुर्दिन में दम न तोड़ते, सहते विरह वियोग
जो न पलायनवादी होते, करें सतत संघर्ष
उनका ही वंदन अभिनंदन, करते हैं सब लोग
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जो न कभी करते हैं क्रंदन, भले भोगते भोग
जो दुर्दिन में दम न तोड़ते, सहते विरह वियोग
जो न पलायनवादी होते, करें सतत संघर्ष
उनका ही वंदन अभिनंदन, करते हैं सब लोग
महेश चन्द्र त्रिपाठी