Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Mar 2023 · 1 min read

जो जी में आए कहें, बोलें बोल कुबोल।

जो जी में आए कहें, बोलें बोल कुबोल।
राजनीति में आजकल, आया कैसा झोल।।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद

Language: Hindi
2 Likes · 228 Views
Books from डॉ.सीमा अग्रवाल
View all

You may also like these posts

कुछ अपनी कुछ उनकी बातें।
कुछ अपनी कुछ उनकी बातें।
सत्य कुमार प्रेमी
प्रकाशोत्सव
प्रकाशोत्सव
Madhu Shah
जल संरक्षण बहुमूल्य
जल संरक्षण बहुमूल्य
Buddha Prakash
पहला प्यार
पहला प्यार
Dipak Kumar "Girja"
"नाना पाटेकर का डायलॉग सच होता दिख रहा है"
शेखर सिंह
लाज शर्म की फाड़ दी,तुमने स्वयं कमीज
लाज शर्म की फाड़ दी,तुमने स्वयं कमीज
RAMESH SHARMA
If we’re just getting to know each other…call me…don’t text.
If we’re just getting to know each other…call me…don’t text.
पूर्वार्थ
প্রফুল্ল হৃদয় এবং হাস্যোজ্জ্বল চেহারা
প্রফুল্ল হৃদয় এবং হাস্যোজ্জ্বল চেহারা
Sakhawat Jisan
"दूध में दरार"
राकेश चौरसिया
प्रकृति का दर्द
प्रकृति का दर्द
Abhishek Soni
Time
Time
Aisha Mohan
বিষ্ণুর গান (বিষ্ণুকে নিয়ে লেখা গান)
বিষ্ণুর গান (বিষ্ণুকে নিয়ে লেখা গান)
Arghyadeep Chakraborty
sp 100 किस से मन की पीर *********************
sp 100 किस से मन की पीर *********************
Manoj Shrivastava
वीरांगना लक्ष्मीबाई
वीरांगना लक्ष्मीबाई
Anamika Tiwari 'annpurna '
अपराजिता
अपराजिता
Shashi Mahajan
खुद ही परेशान हूँ मैं, अपने हाल-ऐ-मज़बूरी से
खुद ही परेशान हूँ मैं, अपने हाल-ऐ-मज़बूरी से
डी. के. निवातिया
हमारे धर्म ध्वज के वाहक !
हमारे धर्म ध्वज के वाहक !
Jaikrishan Uniyal
कविता
कविता
Neelam Sharma
वो मेरे हर सब्र का इम्तेहान लेती है,
वो मेरे हर सब्र का इम्तेहान लेती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैंने देखा है   ....
मैंने देखा है ....
sushil sarna
जाग जाग हे परशुराम
जाग जाग हे परशुराम
उमा झा
आवाज मन की
आवाज मन की
Pratibha Pandey
प्रणय गीत
प्रणय गीत
हिमांशु Kulshrestha
राह कोई नयी-सी बनाते चलो।
राह कोई नयी-सी बनाते चलो।
लक्ष्मी सिंह
"तहजीब"
Dr. Kishan tandon kranti
अस्तित्व
अस्तित्व
Shyam Sundar Subramanian
ये और मैं
ये और मैं
Sakhi
रगणाश्रित : गुणांक सवैया
रगणाश्रित : गुणांक सवैया
Sushila joshi
तुम भी पत्थर
तुम भी पत्थर
shabina. Naaz
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...