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30 Jan 2023 · 1 min read

जो जलता है जलने दीजिए

जो जलता है जलने दीजिए
***********************

जो जलता हैं जलने दीजिए,
पर हद में न गुजरने दीजिए|

दर पर आए जो कोई गुहारी,
दिल उसका न दुखने दीजिए|

जो कुछ सी हो मिल बांटिए,
तनिक भूखा न मरने दीजिए|

मन में जो भी है झट परखिए,
दो दूनी चार न करने दीजिए|

मुट्ठियां भर-भर बांटों खैरात,
हाथों को न मसलने दीजिए|

पलभर भी न रोको मनसीरत,
खुल कर उन्हें टहलने दीजिए|
***********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
114 Views
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