Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Sep 2024 · 1 min read

जो गूंजती थी हर पल कानों में, आवाजें वो अब आती नहीं,

जो गूंजती थी हर पल कानों में, आवाजें वो अब आती नहीं,
तेरी फ़िक्र जो रहती थी अंतर्मन में, रातें वैसी अब सताती नहीं।
खुशबू बस्ती थी जिस कमरे में, शून्यता उसकी झेली जाती नहीं,
खण्डहरता जो आ रही दीवारों में, गहनता दर्द की वो छिपाती नहीं।
नजरें जो बातें करती थी सवालों में, तलाश उसकी हृदय से जाती नहीं,
अनकहा स्नेह जो बसता था जवाबों में, कमी उसकी पूरी हो पाती नहीं।
जो साँसें आधार थी जीवन में, सुबहें उन धड़कनों को अब जगाती नहीं,
छाया जो जीवित है आभासी इस मन में, वास्तविकता उसकी मिल पाती नहीं।
आहटें जो उत्साह भरती थीं उपवन में, ऐसी शामें क्षितिज पर सुस्ताती नहीं,
आशाएं जो तुझसे जागती थी अस्तित्व में, वो बिखरने से अब बच पाती नहीं।
दिन तो डूबता है अब भी शामों में, घड़ियाँ लगती हैं जैसे कट पाती नहीं,
दीवारें मिलकर खड़ी हैं अब भी घर में, आशियाने को अधूरेपन से जो बचाती नहीं।

1 Like · 49 Views
Books from Manisha Manjari
View all

You may also like these posts

..
..
*प्रणय*
*Deep Sleep*
*Deep Sleep*
Poonam Matia
नारी के चरित्र पर
नारी के चरित्र पर
Dr fauzia Naseem shad
शिवोहं
शिवोहं
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
प्रेम का कोई रूप नहीं होता जब किसी की अनुभूति....
प्रेम का कोई रूप नहीं होता जब किसी की अनुभूति....
Ranjeet kumar patre
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस :इंस्पायर इंक्लूजन
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस :इंस्पायर इंक्लूजन
Dr.Rashmi Mishra
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कर्ण की पराजय
कर्ण की पराजय
Shashi Mahajan
जब-जब निज माता को छोड़,
जब-जब निज माता को छोड़,
पंकज कुमार कर्ण
मज़हब नहीं सिखता बैर
मज़हब नहीं सिखता बैर
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
2581.पूर्णिका
2581.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
समय
समय
Paras Nath Jha
इन गज़लों का हुनर, तेरी आंखों की गुफ़्तुगू
इन गज़लों का हुनर, तेरी आंखों की गुफ़्तुगू
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दिल से जाना
दिल से जाना
Sangeeta Beniwal
पनघट के पत्थर
पनघट के पत्थर
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
चुनाव
चुनाव
Ayushi Verma
मैं तुझसे मोहब्बत करने लगा हूं
मैं तुझसे मोहब्बत करने लगा हूं
Sunil Suman
सच्चे रिश्ते वही होते है जहा  साथ खड़े रहने का
सच्चे रिश्ते वही होते है जहा साथ खड़े रहने का
पूर्वार्थ
*गीत*
*गीत*
Poonam gupta
दिल की दहलीज़ पर जब कदम पड़े तेरे ।
दिल की दहलीज़ पर जब कदम पड़े तेरे ।
Phool gufran
हिंदी दिवस पर
हिंदी दिवस पर
RAMESH SHARMA
चांद बिना
चांद बिना
Surinder blackpen
एक महिला जिससे अपनी सारी गुप्त बाते कह देती है वह उसे बेहद प
एक महिला जिससे अपनी सारी गुप्त बाते कह देती है वह उसे बेहद प
Rj Anand Prajapati
कल जब होंगे दूर होकर विदा
कल जब होंगे दूर होकर विदा
gurudeenverma198
गुमनाम सा शायर हूँ अपने  लिए लिखता हूँ
गुमनाम सा शायर हूँ अपने लिए लिखता हूँ
Kanchan Gupta
जियो हजारों साल
जियो हजारों साल
Jatashankar Prajapati
तूने मुझे शराब पीने के लिए मजबूर कर दिया वरना में तो रात को
तूने मुझे शराब पीने के लिए मजबूर कर दिया वरना में तो रात को
Iamalpu9492
इतना तो करम है कि मुझे याद नहीं है
इतना तो करम है कि मुझे याद नहीं है
Shweta Soni
प्यार और धोखा
प्यार और धोखा
Dr. Rajeev Jain
दिल में बहुत रखते हो जी
दिल में बहुत रखते हो जी
Suryakant Dwivedi
Loading...