जो असंभव है वो बात कैसे लिखूँ
जो असंभव है वो बात कैसे लिखूँ
तू बता दिन को मैं रात कैसे लिखूँ
जब नदी के हैं हम दो किनारे से तो
अपनी होगी मुलाकात कैसे लिखूँ
डॉ अर्चना गुप्ता
जो असंभव है वो बात कैसे लिखूँ
तू बता दिन को मैं रात कैसे लिखूँ
जब नदी के हैं हम दो किनारे से तो
अपनी होगी मुलाकात कैसे लिखूँ
डॉ अर्चना गुप्ता