जोगा किले की सैर
सुबह सुबह कर योगा,
चल दिये देखने जोगा,
दिन आज सबसे छोटा,
साथ थे भाई सब मोटा,
मौसम था अति सुहावना,
दृश्य भी बड़ा लुभावना,
माँ नर्मदा का अथाह जल,
कितना स्वच्छ और निर्मल,
बीच टापू पर जोगा किला,
जैसे हो कोई फूल खिला,
बैठ नाव हम सब पहुँचे ,
सागौन के पेड़ ऊँचे ऊँचे,
चढ़कर आए किले पास,
दीवारे खड़ी थी लगा आस,
चहुँओर माँ नर्मदा बहती,
वैभव शौर्य की गाथा कहती,
सबने खूब आनन्द उठाए,
देख देख दृश्य मन को भाए,
किला की परिक्रमा कर,
लौट आए हम किनारे पर,
हरदा की यह शान है,
जोगा किला पहचान है,
।।।जेपीएल।।।