“जोकर”
“जोकर”
जिन्दगी में खाकर ठोकर
कई बन जाते जोकर,
कलाबाजी की दुनिया में
आते मजबूर होकर।
जोकर बिना हर खेल सूना
कोई मजा न आए,
रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर
अजब करतब दिखाए।
“जोकर”
जिन्दगी में खाकर ठोकर
कई बन जाते जोकर,
कलाबाजी की दुनिया में
आते मजबूर होकर।
जोकर बिना हर खेल सूना
कोई मजा न आए,
रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर
अजब करतब दिखाए।