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4 Feb 2021 · 1 min read

जोकर तु (मुक्तक)

आँखे दोनों सही से देखे फिर भी खाता ठोकर तु ,

ज्ञान है पुरा फिर भी रहता मूरख जैसा होकर तु ,

ज्ञानी की संगत ना करता मुर्खो से तु प्रीत करे ,

“कान्हा रसिया” कहता मानव होकर भी है जोकर तु।।

?सर्वाधिकार सुरक्षित ?

कान्हा सोनी…… ✍

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 482 Views
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