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2 Sep 2019 · 1 min read

जैहिंद, ले कभी-कभी

२२१२_१२१२
रदीफ – कभी-कभी

वो तो मिले कभी – कभी !!
करते गिले कभी – कभी !!

डर है…….पड़ोसियों से ही,,
मुँह को सिले कभी – कभी !!

कुर्सी मिले……. यहाँ अगर,,
मंत्री हिले…….कभी – कभी !!

विश्वास…….खो गया कहीं,,
आशा….दिखे कभी – कभी !!

झूठों पे…….. एतवार क्या,,
सच तो ढिले कभी – कभी !!

दारू…….. मेरी तलब नहीं,,
“जैहिंद”…..ले कभी – कभी !!

============
दिनेश एल० “जैहिंद”
26. 11. 2018

317 Views
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