जैन शिक्षा समृद्धि
जे.एस.एस में मिलता , बच्चों की मुश्किल का हल
पढ़ो समझो, समझो पढ़ो की नीति बनाती सफल
ये मंदिर है शिक्षा का यहाँ बनते हैं स्वर्णिम पल
यहाँ पलता है नन्हा मन जो होगा देश का कल
कभी प्रोजेक्टर से पढ़ाया यहाँ जाता
लैपटाॅप चलाना भी सिखाया यहाँ जाता
गुरु शिष्य का देखो यहाँ है मित्रवत नाता
जो आया एक बार यहाँ यहीं का होके रह जाता
कभी प्रतियोगिताएँ होतीं, कभी नाटक का मंचन
कभी नृत्य, संगीत कभी भजनों से मनोरंजन
बच्चों के मन को भाँपकर शिक्षक करते यहाँ संचालन
कभी बच्चे बन शिक्षक, बढ़ाते प्रोत्साहन
खेल – खेल में बच्चों को सिखाया यहाँ जाता
धार्मिक पाठ भी बच्चों को पढ़ाया यहाँ जाता
बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास यहाँ होता
क्रीड़ा कार्यक्रमों का आयोजन कराया यहाँ जाता
पैरेंट्स मीटिंग में अभिभावक यहाँ आते
बच्चों की गतिविधि से वे अवगत कराते
वे कहते संतुष्ट हैं जे.एस.एस से हम
कहते अच्छा लगता जब बच्चे हमें सिखाते
– नवीन कुमार जैन