Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Oct 2024 · 1 min read

” जेबकतरा “

” जेबकतरा ”

आज बड़े सवेरे से
घूम रहा था एक जेबकतरा
वो सोच रहा था
किसे बनाऊँ बलि का बकरा?

1 Like · 1 Comment · 18 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
सूखा पेड़
सूखा पेड़
Juhi Grover
दिल होता .ना दिल रोता
दिल होता .ना दिल रोता
Vishal Prajapati
सुमिरन ,ध्यान ,योग, सरल जीवन शैली मनुष्य को सरलता का समर्थन
सुमिरन ,ध्यान ,योग, सरल जीवन शैली मनुष्य को सरलता का समर्थन
Shashi kala vyas
सफर जब रूहाना होता है
सफर जब रूहाना होता है
Seema gupta,Alwar
दीन-दयाल राम घर आये, सुर,नर-नारी परम सुख पाये।
दीन-दयाल राम घर आये, सुर,नर-नारी परम सुख पाये।
Anil Mishra Prahari
करके इशारे
करके इशारे
हिमांशु Kulshrestha
मैंने हर मंज़र देखा है
मैंने हर मंज़र देखा है
Harminder Kaur
मेरे अंतस में ......
मेरे अंतस में ......
sushil sarna
खत्म हुआ एक और दिन
खत्म हुआ एक और दिन
Chitra Bisht
कितनी शिद्दत से देखा होगा मेरी नज़रों ने
कितनी शिद्दत से देखा होगा मेरी नज़रों ने
शिव प्रताप लोधी
पतझड़
पतझड़
ओसमणी साहू 'ओश'
इक रोज़ मैं सोया था,
इक रोज़ मैं सोया था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
3178.*पूर्णिका*
3178.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिसने जीवन सौगात दिये, उस प्रेमिल माता को नमन।
जिसने जीवन सौगात दिये, उस प्रेमिल माता को नमन।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सभी गम दर्द में मां सबको आंचल में छुपाती है।
सभी गम दर्द में मां सबको आंचल में छुपाती है।
सत्य कुमार प्रेमी
आज कल पढ़ा लिखा युवा क्यों मौन है,
आज कल पढ़ा लिखा युवा क्यों मौन है,
शेखर सिंह
*स्वच्छ मन (मुक्तक)*
*स्वच्छ मन (मुक्तक)*
Rituraj shivem verma
*कौन है ये अबोध बालक*
*कौन है ये अबोध बालक*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
" क्या "
Dr. Kishan tandon kranti
झूठ के सागर में डूबते आज के हर इंसान को देखा
झूठ के सागर में डूबते आज के हर इंसान को देखा
इंजी. संजय श्रीवास्तव
रामलला ! अभिनंदन है
रामलला ! अभिनंदन है
Ghanshyam Poddar
कमियाबी क्या है
कमियाबी क्या है
पूर्वार्थ
जीवन अनंत की यात्रा है और अनंत में विलीन होना ही हमारी मंजिल
जीवन अनंत की यात्रा है और अनंत में विलीन होना ही हमारी मंजिल
Priyank Upadhyay
मन  के बंद दरवाजे को खोलने के लिए
मन के बंद दरवाजे को खोलने के लिए
Meera Thakur
तुम ही रहते सदा ख्यालों में
तुम ही रहते सदा ख्यालों में
Dr Archana Gupta
हिन्दी भाषा
हिन्दी भाषा
राधेश्याम "रागी"
ये जरूरी तो नहीं
ये जरूरी तो नहीं
RAMESH Kumar
सब छोड़ कर चले गए हमें दरकिनार कर के यहां
सब छोड़ कर चले गए हमें दरकिनार कर के यहां
VINOD CHAUHAN
"ज़हन के पास हो कर भी जो दिल से दूर होते हैं।
*प्रणय प्रभात*
*करतीं धुनुची नृत्य हैं, मॉं की भक्त अपार (कुंडलिया)*
*करतीं धुनुची नृत्य हैं, मॉं की भक्त अपार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Loading...