जेण्डर समानता
बेटा-बेटी एक समान,
दोनों है प्रकृति का वरदान।
बेटा हीरा है,तो होती है बेटी मोती,
सूरज की किरन है एक,तो एक चांद की ज्योति।
प्रकृति में पांच तत्व हैं,
छिति, जल ,पावक ,गगन, समीर।
पुरूष में भी पांच तत्व हैं
छिति,जल,पावक,गगन,समीर।
नारी में भी वही आत्मा पुरूष में भी वही
फिर दोनों में भेद है कैसा ?
नारी फिर क्यों जिन्दाजली।
अहं ब्रह्मस्मि ! शिवोअहम् का भाव जानकर
सबने पायी मुक्ति।
बेटा बेटी एक मानो तो पाजाओगे भक्ति।
सुविधा से निरंतरता में छुपा हुआ है।
सम्मान भी यहीं कहीं ।।