जुल्फ जब खुलकर बिखर गई
जुल्फ जब खुलकर बिखर गई
याद सावन की आ गई
अजीब मेरी हालत है
ऐसे में बस याद तेरी आ गई
मौसम बना रेशमी भीगा वस्त्र
आंखों में रोशनी सी आ गई
मुझे मिली खबर जब
अंगडाई में तेरी याद आ गई
मुद्दत के बाद आंचल हिला
जीस्त में दीद की याद आ गई
तुमने ली अंगडाई
मुझे तुम्हारी याद आ गई
’अंजुम’ नदी का तेज सा बहाव
नाव पर नहीं है बचाव
कैसे हो बचाव
जुल्फ जब खुलकर बिखर गई
नाम-मनमोहन लाल गुप्ता ’अंजुम’
जाब्तागंज, नजीबाबाद, जिला बिजनौर, यूपी
मोबाइल नंबर-9152859828