जुमलो का ये दौर
पाठको की खामोशी के कारण लौट गया था,
किन्तु में ज्यादे खामोश नहीं रह पाता l
प्रस्तुत है हास्य मनोरम व्यंग नमो नमो
जुमलो का दौर चल पड़ा,हो रही जुमलो की बरसात,
कौन पाक वो ? कौन चीन है ? कौन हे वो
पुतीन ?
कोन बोल रहा ? कौन मांग रहा हमसे हमारा कश्मीर,
कश्मीर की जो बात करोगे लेंगे बलूच को हम छीन ll
जुमलो की बरसात हो रही जुमलो के ये तीर ll
?
(^_^)
⏬अह्म ब्राह्मास्मि ⏬
?
बिन मौसम बरसात में लाऊं,बिन बादल पानी बरसाऊ,
हाथ में उनके हाथ डालकर, पाक में मैं बिरयानी खाऊ,
सराफत से साडी मंगवाऊ उन्हें साल में भेट चढ़ाऊँ,
तब जाके भीरु भक्तो में मैं शेर,शेर और शेर कहाँऊ,
छप्पन का सीना ताने जो लाल किले पर जम जाऊं,
कश्मीर की वो बात करें तो,बलूच का डर दिखलाऊँ,
घर में घुस बैठे आतंकी तो, फ़ौरन ट्वीट भी कर आऊं,
जो लहूलुहान हो सीमा तो मगर के आंसू भी बहाऊ,
तब जाके हे आर्य श्रेष्ठ में देश का नेता कहलाऊँ,
डिजटल इंडिया,स्मार्ट सिटी मै जन जन को समझाऊ,
करोनो-अरबो खा कर बैठे,मै उनका प्रचारक बन जाऊं,
4G के नाम पर तब में 2G से डिजिटल देेश बनाऊं,
सब्सीडी के हानि लाभ को में तुमको समझाऊ,
जो सब्सीडी पर जीवन जीते उन्हें दीन-हीन बतलाऊँ,
तब जाके हे आर्य महान विकास पुरुष में कहलाऊँ ll
दिल्ली मंत्री करे कुकर्म, गला फाड़ – फाड़ में चिल्लाऊं,
खुद के खोटे सिक्के को में क्लीन चिट भी दिलवाऊ,
फिर कहे भक्क्त मुझे,तुम्हे प्रणाम तुम्हे प्रणाम,
हर भारत वासी तब सोचे काश में भी नेता बन पाऊ,
II मृदुल चंद्र श्रीवास्तव ll