–@@ जुबान @@-
कदम रखो तुम आगे
फिसल जाए तो कभी
गम न करना
जरा चोट ही तो लगेगी
ठीक होकर फिर से
चलने लगोगे !!
गर फिसल गयी जुबान
तो सोचना एक बार
वो शब्द वापिस
कहाँ से मोड़ लोगे
जिस की वजह से
पड़ जायेगी दरार
उस को कैसे भरोगे !!
कहने से पहले
शब्दों को तोलना जरुरी है
बात का क्या रूख है
यह कहने से पहले
एक बार सोचना जरुरी है
न लगे किसी के दिल पर
शब्दों का वार ,
जब यह सोच कर
ही तो कुछ कहोगे !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ