जुबानी जंग
प्रतियोगिता चुनावों में वोट पाने की ही नहीं,
अपनी जुबान की धार तेज करने की भी चल रही है।
कोई कितनी सीमा तक जहर उगल सकता है ,
ईमान से कोई कितना जायदा गिर सकता है ,
बड़े जोर शोर से जुबानी जंग चल रही है।
प्रतियोगिता चुनावों में वोट पाने की ही नहीं,
अपनी जुबान की धार तेज करने की भी चल रही है।
कोई कितनी सीमा तक जहर उगल सकता है ,
ईमान से कोई कितना जायदा गिर सकता है ,
बड़े जोर शोर से जुबानी जंग चल रही है।