Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jan 2022 · 1 min read

जी हजूरी

चलेगा यहां
अब वही दस्तूर!
अवाम को
जो होगा मंज़ूर!!
हम भाड़े के
टट्टू नहीं हैं कि
हर बात में
कहें-“जी हजूर”!!

Shekhar Chandra Mitra

Language: Hindi
403 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भिंडी ने रपट लिखाई (बाल कविता )
भिंडी ने रपट लिखाई (बाल कविता )
Ravi Prakash
"किसी के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
Vijay Nagar
🍁
🍁
Amulyaa Ratan
Humanism : A Philosophy Celebrating Human Dignity
Humanism : A Philosophy Celebrating Human Dignity
Harekrishna Sahu
तुम तो ख़ामोशियां
तुम तो ख़ामोशियां
Dr fauzia Naseem shad
खाने को पैसे नहीं,
खाने को पैसे नहीं,
Kanchan Khanna
😊गज़ब के लोग😊
😊गज़ब के लोग😊
*Author प्रणय प्रभात*
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कभी-कभी एक छोटी कोशिश भी
कभी-कभी एक छोटी कोशिश भी
Anil Mishra Prahari
*गम को यूं हलक में  पिया कर*
*गम को यूं हलक में पिया कर*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जोशीला
जोशीला
RAKESH RAKESH
ఓ యువత మేలుకో..
ఓ యువత మేలుకో..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
जीवन भर मरते रहे, जो बस्ती के नाम।
जीवन भर मरते रहे, जो बस्ती के नाम।
Suryakant Dwivedi
होलिका दहन
होलिका दहन
Buddha Prakash
तड़ाग के मुँह पर......समंदर की बात
तड़ाग के मुँह पर......समंदर की बात
सिद्धार्थ गोरखपुरी
सच ज़िंदगी और जीवन में अंतर हैं
सच ज़िंदगी और जीवन में अंतर हैं
Neeraj Agarwal
तुम बहुत प्यारे हो
तुम बहुत प्यारे हो
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
तुमको कुछ दे नहीं सकूँगी
तुमको कुछ दे नहीं सकूँगी
Shweta Soni
अगर ये सर झुके न तेरी बज़्म में ओ दिलरुबा
अगर ये सर झुके न तेरी बज़्म में ओ दिलरुबा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Wakt ko thahra kar kisi mod par ,
Wakt ko thahra kar kisi mod par ,
Sakshi Tripathi
स्त्रीलिंग...एक ख़ूबसूरत एहसास
स्त्रीलिंग...एक ख़ूबसूरत एहसास
Mamta Singh Devaa
संवेदनहीन
संवेदनहीन
अखिलेश 'अखिल'
आसां  है  चाहना  पाना मुमकिन नहीं !
आसां है चाहना पाना मुमकिन नहीं !
Sushmita Singh
3131.*पूर्णिका*
3131.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अगले बरस जल्दी आना
अगले बरस जल्दी आना
Kavita Chouhan
*चैतन्य एक आंतरिक ऊर्जा*
*चैतन्य एक आंतरिक ऊर्जा*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सर के बल चलकर आएँगी, खुशियाँ अपने आप।
सर के बल चलकर आएँगी, खुशियाँ अपने आप।
डॉ.सीमा अग्रवाल
💐प्रेम कौतुक-548💐
💐प्रेम कौतुक-548💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
भुलाया ना जा सकेगा ये प्रेम
भुलाया ना जा सकेगा ये प्रेम
The_dk_poetry
Loading...