जीवित रहना भी समान है मृत होने के
जीवित रहना भी समान है मृत होने के
जब आपकी इच्छाएं,भावनाएं
शरीर के किसी कोने में दब कर रह जाती है
तब आप बन जाते हो वो पाषाण
जो बयाँ करना चाहता है दर्द पर
मजबूर है वो हालातों से
वही हालात जिसने उसे बना दिया एक पाषाण ।
भूपेंद्र रावत