जीवन
ये जीवन है काँटो से सुसज्जित
तू मत होना इसमें लज्जित
पथ में हर पग शूल मिले या फूल मिले
तू मत इनके वश में होना
फूल मिले तो खुशबू लेना
शूल मिले तो भी हँस के सहना
गम के घने मेघ मिले पर
तू मत घबराना सुन बंदे
इक दिन बरसेगा आनंद भी
तब भी न इठलाना तुम बंदे
तू न भटकना इस जगत में
भटकन ही हर जगह मिलेगी
बाहर तुझको काम मिलेगा
भीतर ही तेरे राम मिलेगा।
-नन्दलाल सुथार’राही’