Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2020 · 1 min read

जीवन है सुख दुख का मेल

जीवन है, सुख-दुख का मेल
जन्म जन्म के कर्म का खेल
न दुख में रो, न सुख में हंस
सोच समझ दोनों को झेल
जीवन है, सुख-दुख का मेल
जन्म जन्म के कर्म का खेल
बड़ा विकट कर्मन का लेखा
नहीं वांचकर किसी ने देखा
जीवन में तो देख लो भैया
निकले न जीवन की रेल
जीवन है सुख-दुख का मेल
जन्म जन्म के कर्म का खेल
जग से लाख छुपा सकते हैं
खुद से नहीं बचा सकते हैं
निर्मल मन पर नहीं चढ़ाना
अपने बुरे कर्म का मैल
जीवन है सुख-दुख का मेल
जन्म जन्म के कर्म का खेल
प्रेम है भक्ति, पाप है हिंसा
मोह माया की बड़ी है लिप्सा
जैसा करो, भरो जीवन में
शुभ और अशुभ की लगी है सेल
जीवन है सुख-दुख का मेल
जन्म जन्म के कर्म का खेल

Language: Hindi
12 Likes · 7 Comments · 340 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
मेरे दिल की आवाज़ के अनुसार जो आपसे बात करना नहीं चाहे या जो
मेरे दिल की आवाज़ के अनुसार जो आपसे बात करना नहीं चाहे या जो
रुपेश कुमार
फागुन आया झूमकर, लगा सताने काम।
फागुन आया झूमकर, लगा सताने काम।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
बड़ा मज़ा आता है,
बड़ा मज़ा आता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अपनी निगाह सौंप दे कुछ देर के लिए
अपनी निगाह सौंप दे कुछ देर के लिए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
सपना है आँखों में मगर नीद कही और है
सपना है आँखों में मगर नीद कही और है
Rituraj shivem verma
Use your money to:
Use your money to:
पूर्वार्थ
ସାଧୁ ସଙ୍ଗ
ସାଧୁ ସଙ୍ଗ
Bidyadhar Mantry
चांद अब हम तेरा दीदार करेगें
चांद अब हम तेरा दीदार करेगें
Dr.Priya Soni Khare
अधूरे सवाल
अधूरे सवाल
Shyam Sundar Subramanian
*कहॉं गए वे लोग जगत में, पर-उपकारी होते थे (गीत)*
*कहॉं गए वे लोग जगत में, पर-उपकारी होते थे (गीत)*
Ravi Prakash
3520.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3520.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
बहुत दूर जा चुके बिछड़कर, कभी नहीं फिर आने को।
बहुत दूर जा चुके बिछड़कर, कभी नहीं फिर आने को।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ,
तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ,
Kalamkash
नारी भाव
नारी भाव
Dr. Vaishali Verma
बड़ी होती है
बड़ी होती है
sushil sarna
*Maturation*
*Maturation*
Poonam Matia
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
किसी का कुछ भी नहीं रक्खा है यहां
किसी का कुछ भी नहीं रक्खा है यहां
Sonam Puneet Dubey
घर का हर कोना
घर का हर कोना
Chitra Bisht
इंतजार
इंतजार
इंजी. संजय श्रीवास्तव
मुझे भी
मुझे भी "याद" रखना,, जब लिखो "तारीफ " वफ़ा की.
Ranjeet kumar patre
मनुष्य और प्रकृति
मनुष्य और प्रकृति
Sanjay ' शून्य'
हे राम!धरा पर आ जाओ
हे राम!धरा पर आ जाओ
Mukta Rashmi
कैसे कहूँ दिल की बातें
कैसे कहूँ दिल की बातें
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
इस क़दर
इस क़दर
Dr fauzia Naseem shad
निश्छल प्रेम के बदले वंचना
निश्छल प्रेम के बदले वंचना
Koमल कुmari
*सुप्रभातम*
*सुप्रभातम*
*प्रणय प्रभात*
"हँसिया"
Dr. Kishan tandon kranti
आग से जल कर
आग से जल कर
हिमांशु Kulshrestha
इश्क
इश्क
Neeraj Mishra " नीर "
Loading...