जीवन स्तंभ है पिता
राह दिखाता है जो हमको
उजाले में ले जाता है जो हमको
जबतक होता है वो, बचपन
का अहसास देता है जो हमको
अपने कंधों पर उठाता है वो हमको
जिम्मेदारियों से बचाता है वो हमको
हो जाते है जब निराश कभी हम
साथ रहकर हौसला देता है वो हमको।।
कभी वो दिखाता नहीं अपना प्यार
संघर्ष के लिए मज़बूत बनाता है हमको
फिक्र करता है हमारी हर पल
हर मुसीबत से दूर रखता है वो हमको।।
होता है पिता ही वो शक्स
जो इंसान बनाता है हमको
चलकर खुद वो अंगारों पर
फूलों पर चलाता है हमको।।
जो बनकर ढाल हमारी
मुसीबतों से दूर रखता है हमको
है कर्तव्य हमारा भी इतना
खुश रखने की कोशिश करें उसको।।