जीवन सागर मंथन है
जीवन सागर मंथन है, विष अमृत का मिश्रण है
आंख खोल कर देखो जीवन
अनुभव से कर लो जीवन मंथन
विष निकलेगा सबसे पहले
धैर्य से उसे पचाना
मंथन करना वंद न करना
अमृत तक मथते जाना
जीवन को माया मोह मद आदि से मथो
निज अनुभव से आंख खोलकर पढ़ो
जीवन को ध्यान धारणा समाधि से गढ़ो
निज अनुभव को सूक्ष्मता से पढ़ो
रत्न मिलते जाएंगे
जीवन में बहुत काम आएंगे
जीवन सागर मंथन है,विष अमृत का मिश्रण है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी