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20 Apr 2019 · 1 min read

जीवन रंगमंच

तीन विधाओ का नया प्रयोग

विधा – छंदमुक्त कविता
1

दुनिया है
एक रंगमंच
खेल खिलाता है
ईश्वर
कभी खुशी
तो कभी गम
कभी गैर अपने
कभी अपने पराये

विधा – पिरामिड
2

है
मंच
जीवन
खिलवाड़
खुशी गमों से
इन्सान लाचार
कठपुतली तन

3
मुक्तक

राजनीति है
रंगमंच
हर पांच साल में
शतरंज खेल
सज कर तैयार
चुनावी मंच
जनता को मौका
वोट करें सब
नहीं खाएंगे धोखा

स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
479 Views
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