जीवन यात्रा
जियो ये जीवन सफर समझकर,मंजिल को आसान बनाना है।
छोड़ बुरी यादों को सफर में,अच्छी यादों को अपनाना है।।
रंगों को अपनाते चलना है,और रोगों को छोड़ते जाना है।
बुरे अच्छे सब लोग जगत में,हमें बस अच्छा ही अपनाना है।।
ढूंढ ढूंढ कर चुन लो सब हीरे,पत्थर को छोड़ते जाना है।
नदी सा मीठा जल बनकर हमें,सबके जीवन में लहराना है।।
धोखे बहुत मिलेंगे तुमको,किसी के धोखे में नहीं आना है।
अच्छे बुरे को पहचान लो,इतना सक्षम तुम्हें खुद को बनाना है।।
सुख दुःख का संगम यह जीवन, दुःख से तुम्हें नहीं घबराना है।
करके सामना दृढ़ता से दुख का,तुमको दुःख को दूर भगाना है।।
दुःख जायेगा जब जीवन से,तभी तो सुख को जीवन में आना है।
सुख की करो कामना हरदम,हर हाल में तुमको सुख अपनाना है।।
सुख दुःख की इस भागदौड़ में,तुमको ये जीवन सफल बनाना है।
खुशियाँ कैसे पाना है तुमको,हमेशा खुशियों को गले लगाना है।।
कहे विजय बिजनौरी ये जीवन है, इसको आसान बनाना है।
दृढ़ निश्चय और विश्वास के साथ,बस तुमको इसे जीते जाना है।।
विजय कुमार अग्रवाल
विजय बिजनौरी