जीवन में संतुलन
है
संतुलन
जीवन में
जरूरी
कम बोलो
अच्छा बोलो
बना रहेगा
मान
समाज में
तराजु सा
संतुलित
हो कार्य हमेशा
नहीँ बिगड़ेगी
बात कभी
दाम्पत्य
जीवन में रहे
संतुलित
सभी आपस में
रखें मान
माता पिता का
रहें प्रसन्न सभी
प्राकृति रखती
संतुलन धरा पर
देती जल वायु
सभी को
बिगड़ता संतुलन
जब धरा का
क्रोधित होती
धरा , मानव से
बाढ़ भूकम्प
सूखा का
मिलता प्रतिफल
है संदेश
ईश का
स्वच्छ रखो
पर्यावरण
होगी खुशहाली
हर तरफ
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल