जीवन में मात
** जीवन में मात (ग़ज़ल) **
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आँखों ही आँखों में बात हुई,
अंधेरी थी वो रोशन रात हुई।
बातों ही बातों में साथ हुआ,
प्यारी सी दिल की सौगात हुई।
नीले नभ में पंछी घूम रहे,
तारों से सज -धज बारात हुई।
जीती बाजी भी हम हार गए,
जीवन मे पहली ये मात हुई।
मनसीरत यादों में याद करे,
तन – मन जैसे कोई वात हुई।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)