Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Mar 2024 · 1 min read

जीवन में दिन चार मिलें है,

जीवन में दिन चार मिलें है,
बीत रहे बन सांझ सवेरे ।
चाहे जो भी कर ले उनका,
आज का पल बस हाथ में तेरे ।

बीता कल तो चला गया,
आने वाले का पता नहीं ।
न उपयोग किया यदि ‘अब’ का,
तो ईश्वर की खता नहीं ।

एक सवेरा नित्य गुजरता,
गया हुआ पल कभी न आता।
पुनरावृति नहीं साँसों की,
कोई हमें यही समझाता।

मिला जन्म मानव देही का,
ले विवेक जग में आया ।
है स्वतन्त्र जो चाहे कर ले,
प्रभ ने सब अवरोध हटाया।

बुरा किया तो बुरा मिलेगा,
विधि का कर्म विधान अटल।
अच्छे का अच्छा फल मिलता,
आज नहीं तो निश्चय कल।

301 Views
Books from Satish Srijan
View all

You may also like these posts

तीन सौ वर्ष पुराना माई का थान और उसके सेवारत महामंत्री सुनील
तीन सौ वर्ष पुराना माई का थान और उसके सेवारत महामंत्री सुनील
Ravi Prakash
जय हिन्दू जय हिंदुस्तान,
जय हिन्दू जय हिंदुस्तान,
कृष्णकांत गुर्जर
बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे
बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे
डॉ. दीपक बवेजा
" आपने "
Dr. Kishan tandon kranti
गणेश वंदना (धत्तानंद छंद )
गणेश वंदना (धत्तानंद छंद )
guru saxena
धन
धन
रेवन्त राम सुथार
National YOUTH Day
National YOUTH Day
Tushar Jagawat
जाति बनाने वालों काहे बनाई तुमने जाति ?
जाति बनाने वालों काहे बनाई तुमने जाति ?
शेखर सिंह
#राजनैतिक_आस्था_ने_आज_रघुवर_को_छला_है।
#राजनैतिक_आस्था_ने_आज_रघुवर_को_छला_है।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
2659.*पूर्णिका*
2659.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
■चन्दाखोरी कांड■
■चन्दाखोरी कांड■
*प्रणय*
नया से भी नया
नया से भी नया
Ramswaroop Dinkar
सागर का क्षितिज
सागर का क्षितिज
आशा शैली
डमरू वर्ण पिरामिड
डमरू वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
सत्य की पूजा होती है
सत्य की पूजा होती है
Ghanshyam Poddar
एक गरीबी
एक गरीबी
Seema Verma
मैंने एक चांद को देखा
मैंने एक चांद को देखा
नेताम आर सी
!! यह तो सर गद्दारी है !!
!! यह तो सर गद्दारी है !!
Chunnu Lal Gupta
नमन ऐ दिव्य मानव
नमन ऐ दिव्य मानव
आकाश महेशपुरी
एक दीप प्रेम का
एक दीप प्रेम का
dr rajmati Surana
चौपाई - आजादी का पर्व
चौपाई - आजादी का पर्व
Sudhir srivastava
बाट जोहती पुत्र का,
बाट जोहती पुत्र का,
sushil sarna
भारत को आखिर फूटबौळ क्यों बना दिया ? ना पड़ोसियों के गोल पोस
भारत को आखिर फूटबौळ क्यों बना दिया ? ना पड़ोसियों के गोल पोस
DrLakshman Jha Parimal
ऐ माँ! मेरी मालिक हो तुम।
ऐ माँ! मेरी मालिक हो तुम।
Harminder Kaur
मेरा भी जिक्र कर दो न
मेरा भी जिक्र कर दो न
Kanchan verma
बेमतलब के
बेमतलब के
Dushyant Kumar Patel
दुनिया एक मुसाफिरखाना
दुनिया एक मुसाफिरखाना
Manoj Shrivastava
*हाथी*
*हाथी*
Dushyant Kumar
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
आँसू
आँसू
Shashi Mahajan
Loading...