जीवन में तन्हाई
न दे खुदा
किसी को
तन्हाई
करीब होते
हुए भी
वो हो जाते है
बेगाने
तन्हा
जिन्दगी का
सफर
उम्मीद बस
मिलन
अच्छी लगती है
अब तन्हाई
न मिला
साथ उनका
न कोई यादें
कन्हाई
अलग ही
मजा होता है
जीने में
तन्हाई में
न भूख
न प्यास
बस
इन्तजार
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल