जीवन भी एक विदाई है,
जीवन भी एक विदाई है,
जिस कारण भी है जन्म लिया ।
उस लक्ष्य को हम को पाना है ,
कुछ करके हमको जाना है।।
जीवन में जितने लोग मिले,
ना जाने कितने प्यारे हैं ।
जब भी देखा चिर नभ में,
तब मिलते नव ही तारे हैं।।
नव ही मिलते आए हैं,
नव ही मिलते जाएंगे।
जीवन की यह पुरवाई है,
जो आई आज विदाई है।।
जीवन की इक सच्चाई है,
जो जन्म लिया वो विदा हुआ।
मरना भी एक विदाई है,
जीवन ही एक विदाई है।।
©अभिषेक पाण्डेय अभि