जीवन बन सौभाग्यशाली
दिनांक 8/7/19
सौभाग्य और दुर्भाग्य
हैं एक दूसरे पूरक
दुर्भाग्य के बिन नहीं है
सौभाग्य का मूल्य
सोच है अपनी
सौभाग्य दुर्भाग्य की
मेहनत और ईमानदारी
बदल देता है
भाग्य इन्सान का
मत कहो किसी
विधवा को दुर्भाग्यशाली
वह भी बनी थी
कभी सौभाग्यशाली
लक्ष्मी और दरिद्री भी
हैं दो बहनें
जब स्वागत करेंगे
लक्ष्मी का
स्वत: भाग जाएगी
दरिद्री
दूर करो
गृहक्लेश को
रहो सुख शांति से
लो आशीर्वाद
बुजुर्गो का
तब होगा वह घर
सौभाग्यशाली
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल