जीवन परमात्मा है
कुछ बोझ
मेरे अपने हैं,
एक ओर जमाना
दूसरी तरफ़
मेरे चाहने वाले हैं.
चाहत सबको है.
कुछ देकर चुकाते है,
कोई लेकर छुपाते है.
कोई रोब दिखाकर लूट लेता है.
विशेष क्या ?
ह्रास क्या ?
समझ नहीं आता है
कोई पत्थर पूज कर
पत्थर हो जाता है.
कोई जीवन देकर भी
*जिंदगी हार जाता है.
#जीवनपरमात्माहै