जीवन नैया
जीवन नैया
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प्राणी का जीवन भी नौका जैसा है,
तूफानों जैसे संघर्ष आते रहते हैं ।
लेकिन तुम मानव चट्टान बन खड़े रहना।
लहरों से भी टकराकर
नौका को पार लगाना ।
मनुष्य भी जीवन में मांझी
और पतवार की तरह ।
ना डरे कभी ना थके कभी,
लहरों का आनंद ले —
आगे बढ़ता जाता ,
थोड़ा संयम और विश्वास।
तो कभी किसी की नौका,
डगमगा नहीं सकती !!
कठिन सफर भी कट जाता है,
सागर कितना भी गहरा हो–
मांझी नौका पार लगा देता है——
सुषमा सिंह *उर्मि,,