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29 Mar 2022 · 1 min read

जीवन नैया

जीवन नैया
———–
मन में निर्मल भाव हो,
जन-जन के लिए।
सबसे करो आपस में प्रेम,
मानुष हृदय के उदगार लिए ।

प्राणी का जीवन भी नौका जैसा है,
तूफान और संघर्षं आते रहते हैं।
लेकिन मानव तुम—
हिमालय कि तरह अडिग रहना,
आने वाली लहरों से टकराना,
और जीवन नैया पार लगाना।

मानव भी जीवन में, मांझी और पतवार की तरह —
ना डरे,ना थके,ना रूके और हिम्मत भी
ना हारे।
लहरों की तरह आनंद के साथ,
पथ में पथिक बढ़ता जाऐ !

विश्वास और धैर्य हो तो,
कभी भी नैया डगमगा नहीं सकती!
चाहे सफर कठिन हो ,
या कांटो से भरा हो,
कट जाता है सफर आसानी से।

कितना भी सागर गहरा हो,
नौका पार लगा देता हे मांझी–
सागर की अद्भभुत लहरों से !!!!
पतवार किनारे ला देता है ,
डग-मग डग-मग लहरों से !!!!

सुषमा सिंह *उर्मि,,

Language: Hindi
116 Views
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