जीवन तेरी नयी धुन
जीवन तेरी नयी धुन
जीवन जीने की तृष्णा मे।
कब जीबन के कलश मिटा डाले।
पर अपने गौरव की महिमा में खुद ही दाग लगा डाले।
जीवन जीने की तृष्णा मे।
कब जीवन के कलश मिटा डाले
इस सिंवटे छोटे जीवन मे घोर कष्ट उठा डाले ।
जीवन तेरी इस नयी धुन में कई दुर्गम राह नाप डाले।
गिरा उठा में उस राह मे,फिर चला उसी रास्ते मे जीवन तेरी इस नई धुन मे
मैं हर बार छला गया रास्ते मे।
हुआ कभी सफल व असफल जीवन के इस दुर्गम रास्ते मे।।
जीवन जीने की तृष्णा में मैने कई जीवन कलश मिटा डाले।
उतरे खयाल कुछ छिपे दर्द के
मौसम के अनुसार छुपा डाले
जीवन जीने की इस नई धुन में न जाने कितने राज छुपा डाले।
कार्तिक शर्मा नितिन