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4 Sep 2019 · 1 min read

जीवन क्षणभंगुर

जीवन क्षणभंगुर

है तारीफ़
तभी
इन्सान की
बात कहे
वो संक्षिप्त
लेकिन हो वो
सारगर्भित

है जीवन
क्षणभंगुर
लघु और
अनिश्चित
जितना
समय बीते
परमार्थ में
बस उतना
ही है
सार्थक
जीवन अपना

रखो
मत लघु
मानसिकता
अपनी
मिलो
सभी से
खुले दिल से
चला जाऐगा
तू एक दिन
संसार से
बस रह जाएंगी
यादें अच्छी

स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
481 Views
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