जीवन एक संग्राम है
मानव जीवन मैं समस्याओं से, मिलता नहीं विराम है
लड़ते रहना है जीवन भर, जीवन एक संग्राम है
मरते दम तक समस्याएं, कभी कम नहीं होतीं हैं
संसार है कुरुक्षेत्र , कमर कसनी ही होती है
युद्ध को टालना या भागना, मर्ज को बढ़ाना है
जोश जज्बा और जुनून से, हर बाधा हटाना है
सफलता अगर, आसान होती दुनिया में
हर सफल प्रतिभा, परेशान न होती दुनिया में
कर्म कर लिख भाग्य अपना, पसीने की स्याही से
सफलता कदम चूमेगी, खुद की कमाई से
सुरेश कुमार चतुर्वेदी