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23 Apr 2024 · 1 min read

जीवन एक मृगतृष्णा

जीवन एक मृगतृष्णा है ,
जिसमें आसक्ति अपनी ओर आकर्षित
करती है ,
आत्मीय संबंधों की विभक्ति अंतर्वेदना निर्मित
करती है ,

स्वप्निल आशाओं ,आकांक्षाओं , अभिलाषाओं के मनस पटल पर आच्छादित वारिद जीवंत रहने
प्रेरित करते हैं ,
जीवन में कष्ट एवं संताप के क्षण कभी
विचलित करते हैं ,

कभी धैर्य ,साहस एवं आत्मविश्वास पथ पर अग्रसर रखते हैं ,

इसी चक्र में उलझा अकिंचन अस्तित्व यंत्रवत् र्निर्वाह बाध्य रहता है ,
साध्य -असाध्य के प्रयत्न में निरंतर संलग्न रहता है।

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