*जीवन उसका ही धन्य कहो, जो गीत देश के गाता है (राधेश्यामी छं
जीवन उसका ही धन्य कहो, जो गीत देश के गाता है (राधेश्यामी छंद )
_________________________
जीवन उसका ही धन्य कहो, जो गीत देश के गाता है
प्रभु जिसका भारत राष्ट्र हुआ, देवी ज्यों भारत माता है
जो भक्त हिमालय पर्वत का, गंगा यमुना कावेरी का
आराधक पान्चजन्य का जो, गीता की जो रणभेरी का
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451