Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jun 2019 · 1 min read

जीवन उद्धार

जब से जीवन में आयीं,
तन मन मेरा चमन हो गया।
जीवन का यह कंटक वन अब,
गुल गुलशन गुलज़ार हो गया।।
चोटिल बोझिल से इस मन का,
उनसे मिल उपचार हो गया।
मन मरुथल का खाली घट अब,
मधुसागर संसार हो गया।।
मधुर मिलन की उस बेला से,
अब तक तय जो सफर हो गया।
सुंदर सुखद सुनहरे कल का,
हर सपना साकार हो गया।।
खट्टे मीठे अनुभव का कल,
नोंक झोंक से पार हो गया।
दुर्लभ दुर्गम दुःखद समय ही,
जीवन का आधार बन गया।
जनम जनम जीवन के पथ पर,
यदि उनसे हर मिलन हो गया।
मैं समझूँगा सफल हर जनम,
जीवन का उद्धार हो गया।।

…अशोक शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 442 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

जीवन के बसंत
जीवन के बसंत
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
भस्म
भस्म
D.N. Jha
जहाँ शिव वहाँ शक्ति'
जहाँ शिव वहाँ शक्ति'
सुशील भारती
हाइकु -भ्रम
हाइकु -भ्रम
Sudhir srivastava
*लब मय से भरे मदहोश है*
*लब मय से भरे मदहोश है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दोहा
दोहा
Suryakant Dwivedi
*मिलती जीवन में खुशी, रहते तब तक रंग (कुंडलिया)*
*मिलती जीवन में खुशी, रहते तब तक रंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मुसाफिर
मुसाफिर
Rambali Mishra
या सरकारी बन्दूक की गोलियाँ
या सरकारी बन्दूक की गोलियाँ
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
ज़माने वाले जिसे शतरंज की चाल कहते हैं
ज़माने वाले जिसे शतरंज की चाल कहते हैं
Mahesh Tiwari 'Ayan'
स्वतंत्रता दिवस पर ३ रचनाएं :
स्वतंत्रता दिवस पर ३ रचनाएं :
sushil sarna
ॐ शिव शंकर भोले नाथ र
ॐ शिव शंकर भोले नाथ र
Swami Ganganiya
खेत का सांड
खेत का सांड
आनन्द मिश्र
यूं इतराया ना कर
यूं इतराया ना कर
Shinde Poonam
आप हो न
आप हो न
Dr fauzia Naseem shad
सफल हुए
सफल हुए
Koमल कुmari
संवेदनहीन प्राणियों के लिए अपनी सफाई में कुछ कहने को होता है
संवेदनहीन प्राणियों के लिए अपनी सफाई में कुछ कहने को होता है
Shweta Soni
उसकी गलियों में कदम जब भी पड़े थे मेरे।
उसकी गलियों में कदम जब भी पड़े थे मेरे।
Phool gufran
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Akshay patel
शराफ़त न ढूंढो़ इस जमाने में
शराफ़त न ढूंढो़ इस जमाने में
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
3091.*पूर्णिका*
3091.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"खून का रिश्ता"
Dr. Kishan tandon kranti
विश्व की पांचवीं बडी अर्थव्यवस्था
विश्व की पांचवीं बडी अर्थव्यवस्था
Mahender Singh
स्त्री नख से शिख तक सुंदर होती है ,पुरुष नहीं .
स्त्री नख से शिख तक सुंदर होती है ,पुरुष नहीं .
पूर्वार्थ
भिनसार ले जल्दी उठके, रंधनी कती जाथे झटके।
भिनसार ले जल्दी उठके, रंधनी कती जाथे झटके।
PK Pappu Patel
क्या यही प्यार है
क्या यही प्यार है
डॉ. एकान्त नेगी
"नींद की तलाश"
Pushpraj Anant
खूबसूरत जिंदगी में
खूबसूरत जिंदगी में
Harminder Kaur
बड़ी मुद्दतों के बाद
बड़ी मुद्दतों के बाद
VINOD CHAUHAN
- धैर्य जरूरी है -
- धैर्य जरूरी है -
bharat gehlot
Loading...