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28 May 2023 · 1 min read

जीवनसाथी

वह रात सुहानी रात थी
जिसमें आए थे अनेक बराती
उनसे क्या मुझको लेना देना
मेरा तो केवल एक ही था साथी
वह बना मेरा जीवन साथी।
गठबंधन का पवित्र धागा
जब से मेरे गले में डाला।
मैं बनी उनकी जीवनसंगिनी
वह बन गए मेरे जीवन साथी।
तब से साथ चले हम दोनों
प्रेम हमारा गाढ़ा होता गया।
एक दूसरे का मान बढ़ायें
बने रहे दुख सुख के साथी।

– विष्णु प्रसाद ‘पाँचोटिया’

Language: Hindi
65 Views
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