जीनी है अगर जिन्दगी
जीनी है अगर जिंदगी तो गुलाब से सीख लीजिए
बीच कांटो के रहे सदा
फिर भी खुशी रहती चेहरे पर उसके
तोड़ लो मसल दो अगर इसे
खुशबू देता फिर भी उन हाथों में
तोड़कर जो इसे फेंक दें
जीनी है अगर जिंदगी पेड़ो से सीख लीजिए
खुद रहे धूप में ही हमेशा छाया हमे ये देतें है
जीनी है अगर जिंदगी तो चींटी से सीख लीजिए
चढ़ती है वो दीवार पर बार-बार वो फिर भी गिरती है
चढ़ती है वो दीवार पर फिर भी
हार वो ना कभी मानती
रंग लाती हैं एक दिन मेहनत उसकी
कहती कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती
जीनी है अगर जिंदगी तो पानी से सीख लीजिए
जाए जिस बर्तन में भी वो चाहे
वो हो जाता उसी आकार का
जीनी है अगर जिंदगी तो उस इंसान से सीख लीजिए
घबराता नहीं जो कभी जीवन में आई बाधाओं से