जीना है तो लड़ना सीखो
जीना है तो लड़ना सीखो
जीना है तो लड़ना सीखो , देश के हित कुछ करना सीखो
गली–गली उजियारा फैले, ऐसे प्रयास तुम करना सीखो
सीमाओं के बंधन तोड़ो , देश प्रेम हित रिश्ते जोड़ो
भाषा का ये बंधन कैसा, देश प्रेम में बंधना सीखो
राजनीति से ऊपर उठकर, देश प्रेम हित मरना सीखो
कुर्सी का ये बंधन कैसा, देश प्रेम मर्यादा सीखो
नारी को वस्तु न समझो, बाज़ारों से नाता तोड़ो
तन पर उसके नज़र न फेरो, देवी सा तुम उसको पूजो
प्रकृति से करो आलिंगन, पौँधों से श्रृंगार करो
हो जाए ये धरती उपवन, इसकी सच्ची संतान बनो.
विलासिता से ऊपर उठकर, आध्यात्म की राह पर बढ़ना सीखों
पावन हो जाए धरा यह, आदर्शों से नाता जोड़ो
बच्चों में संस्कार जगाओ, परिवार हित जीना सीखो
‘तूफानों से डरना कैसा , दिल में जोश जगाना सीखो
ऑधियों से भय हो कैसा, मानवता हित मरना सीखो
मृत्यु का जीवन में भय कैसा, जीवन को जीवन सा
जीना सीखो
जीवन को तुम पूँजी कर लो, मोक्ष राह पर बढ़ना सीखो
जीवन चार दिनों का मेला, मर्यादा में रहना सीखो
जीना है तो लड़ना सीखो, देश प्रेम हित मरना सीखो
जीना है तो लड़ना सीखो , देश के हित कुछ करना सीखो
गली–गली उजियारा फैले, ऐसे प्रयास तुम करना सीखो
सीमाओं के बंधन तोड़ो , देश प्रेम हित रिश्ते जोड़ो
भाषा का ये बंधन कैसा, देश प्रेम में बंधना सीखो