Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jan 2024 · 1 min read

“जीत की कीमत”

“जीत की कीमत”
हॉं, कई बार हँस देता हूँ
अपनी ही हार पर,
और कभी हँस देता हूँ
हार के कगार पर।
दरअसल मुझे पता है
मेरी जीत की कीमत
मेरी मुस्कुराहट में नहीं है।

4 Likes · 4 Comments · 260 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

🙏 🌹गुरु चरणों की धूल🌹 🙏
🙏 🌹गुरु चरणों की धूल🌹 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
2535.पूर्णिका
2535.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
- बाबुल का आंगन एक दिन तुम्हे छोड़ना पड़ेगा -
- बाबुल का आंगन एक दिन तुम्हे छोड़ना पड़ेगा -
bharat gehlot
ग़लती कर रहे कि सही,
ग़लती कर रहे कि सही,
Ajit Kumar "Karn"
*श्री देवेंद्र कुमार रस्तोगी के न रहने से आर्य समाज का एक स्
*श्री देवेंद्र कुमार रस्तोगी के न रहने से आर्य समाज का एक स्
Ravi Prakash
*छाया कैसा  नशा है कैसा ये जादू*
*छाया कैसा नशा है कैसा ये जादू*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्यार है ये भैया-भाभी का ।
प्यार है ये भैया-भाभी का ।
Buddha Prakash
अफ़ीम की गोलियां
अफ़ीम की गोलियां
Shekhar Chandra Mitra
जय श्री राम !
जय श्री राम !
Mahesh Jain 'Jyoti'
उपदेशों ही मूर्खाणां प्रकोपेच न च शांतय्
उपदेशों ही मूर्खाणां प्रकोपेच न च शांतय्
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
चॉकलेट
चॉकलेट
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
मजदूर दिवस पर एक रचना
मजदूर दिवस पर एक रचना
sushil sarna
सिर्फ कह के नही कर के दिखाना है मुझको
सिर्फ कह के नही कर के दिखाना है मुझको
Harinarayan Tanha
"बिना माल के पुरुष की अवसि अवज्ञा होय।
*प्रणय*
पृथ्वी की परिधि
पृथ्वी की परिधि
अंकित आजाद गुप्ता
Gratitude Fills My Heart Each Day!
Gratitude Fills My Heart Each Day!
R. H. SRIDEVI
आपके दिमाग में जो लक्ष्य केंद्रित होता है।
आपके दिमाग में जो लक्ष्य केंद्रित होता है।
Rj Anand Prajapati
मौत का रंग लाल है,
मौत का रंग लाल है,
पूर्वार्थ
जन्म से मरन तक का सफर
जन्म से मरन तक का सफर
Vandna Thakur
जय बोलो मानवता की🙏
जय बोलो मानवता की🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कामकाजी औरतें
कामकाजी औरतें
Dheerja Sharma
घर का सूना चूल्हा
घर का सूना चूल्हा
C S Santoshi
दिल में मेरे
दिल में मेरे
हिमांशु Kulshrestha
लोगों का क्या है
लोगों का क्या है
Shinde Poonam
कैसी होती हैं
कैसी होती हैं
Dr fauzia Naseem shad
आजादी अभिव्यक्ति की
आजादी अभिव्यक्ति की
RAMESH SHARMA
अगर आप केवल अपना स्वार्थ देखेंगे तो
अगर आप केवल अपना स्वार्थ देखेंगे तो
Sonam Puneet Dubey
छोटी- छोटी प्रस्तुतियों को भी लोग पढ़ते नहीं हैं, फिर फेसबूक
छोटी- छोटी प्रस्तुतियों को भी लोग पढ़ते नहीं हैं, फिर फेसबूक
DrLakshman Jha Parimal
दोहा छंद भाग 2
दोहा छंद भाग 2
मधुसूदन गौतम
उस बाग का फूल ज़रूर बन जाना,
उस बाग का फूल ज़रूर बन जाना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...