जीतेगा विज्ञान हमारा
आज विश्व में अंधकार है
छिपे शत्रु का तेज वार है
घायल है मानवता सारी
भयाक्रांत दिखते नर नारी
मजबूरी है घर पर रहना
सामाजिक दूरी को सहना
आज धैर्य की कठिन परीक्षा
आज यही है सबकी शिक्षा
पास हमारे अस्त्र नहीं है
अभी हाथ में शस्त्र नहीं है
श्रेष्ठ धर्म है बचकर रहना
और शत्रु से कुछ न कहना
वक्त हमारा फिर आएगा
शत्रु धूल में मिल जाएगा
ऊंचा होगा मान हमारा
जीतेगा विज्ञान हमारा
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डॉ रीतेश कुमार खरे
प्रवक्ता जंतु विज्ञान
राजकीय महाविद्यालय ललितपुर