जिससे था हमें प्यार ……………चला गया |गीत| “मनोज कुमार”
जिससे था हमें प्यार वो साजन चला गया
हम रहते थे जिसके दीवाने चला गया
हुई मुद्दतों अब तक जिसका पता नही
हमें छोड़ अकेला तन्हा करके चला गया
बड़े प्यार की बातें करता वो सजना झूठा निकला
गम सहते है यारो वो गम देकर के चला गया
करना था औरों से तो हमसे क्यूँ तूने प्यार किया
बीच राह में छोड़ अकेला नाता तोड़ के चला गया
ढ़ेरों सारी आशायें थी और जीने की उम्मीदें
क्या बोले वो ही सारी खुशियाँ लेके चला गया
हमें समझ वो कोई फूल भँवरा बनके आया था
उजड़ गया मेरा गुलशन वो खुशबू लेके चला गया
जब जाना था लिख्खा क्यूँ दिल के पन्नों पे अपना नाम
करके दीवाना बनाके पागल घायल करके चला गया
अधरें पैमाना जिसके और नैना भी मयखाना थे
बना शराबी हमको दिल की नगरी से वो चला गया
और नही “मनोज” अपना हमको बैगाना समझा
फूलों जैसे नाजुक दिल को चोटें देकर चला गया
“मनोज कुमार”