Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jun 2024 · 1 min read

जिसने शौक को दफ़्नाकर अपने आप से समझौता किया है। वह इंसान इस

जिसने शौक को दफ़्नाकर अपने आप से समझौता किया है। वह इंसान इस दुनिया में हर चीज़ का त्याग कर सकता है।।

1 Like · 196 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

"इच्छा"
Dr. Kishan tandon kranti
हमे ऐश्वर्य भोगने की भूख नहीं है।
हमे ऐश्वर्य भोगने की भूख नहीं है।
Rj Anand Prajapati
सत्य तो सीधा है, सरल है
सत्य तो सीधा है, सरल है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
शायद रोया है चांद
शायद रोया है चांद
Jai Prakash Srivastav
इतनी खुबसुरत हो तुम
इतनी खुबसुरत हो तुम
Diwakar Mahto
हर किसी पर नहीं ज़ाहिर होते
हर किसी पर नहीं ज़ाहिर होते
Shweta Soni
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हमेशा जागते रहना
हमेशा जागते रहना
surenderpal vaidya
शीर्षक -शीतल छाँव होती माँ !
शीर्षक -शीतल छाँव होती माँ !
Sushma Singh
*गॉंधी जी सत्याग्रही, ताकत में बेजोड़ (कुंडलिया)*
*गॉंधी जी सत्याग्रही, ताकत में बेजोड़ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
24/229. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/229. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वीर अभिमन्यु– कविता।
वीर अभिमन्यु– कविता।
Abhishek Soni
मैं अकेला महसूस करता हूं
मैं अकेला महसूस करता हूं
पूर्वार्थ
बस खाली हाथों के सिवा
बस खाली हाथों के सिवा
Dr fauzia Naseem shad
सिखी शान और कुर्बानी की, अनुपम गाथा गाता हूं।
सिखी शान और कुर्बानी की, अनुपम गाथा गाता हूं।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
भेद नहीं ये प्रकृति करती
भेद नहीं ये प्रकृति करती
Buddha Prakash
दृष्टिहीन की दृष्टि में,
दृष्टिहीन की दृष्टि में,
sushil sarna
देख के तुझे कितना सकून मुझे मिलता है
देख के तुझे कितना सकून मुझे मिलता है
Swami Ganganiya
■आप बताएं■
■आप बताएं■
*प्रणय प्रभात*
याद रखना
याद रखना
Pankaj Kushwaha
ज्ञान बोझ हैं यदि वह आपके भोलेपन को छीनता हैं। ज्ञान बोझ हैं
ज्ञान बोझ हैं यदि वह आपके भोलेपन को छीनता हैं। ज्ञान बोझ हैं
ललकार भारद्वाज
विवाह की रस्में
विवाह की रस्में
Savitri Dhayal
शिवहर
शिवहर
श्रीहर्ष आचार्य
ज़िन्दगी चल नए सफर पर।
ज़िन्दगी चल नए सफर पर।
Taj Mohammad
परिवार नियोजन
परिवार नियोजन
C S Santoshi
जीवन में ईनाम नहीं स्थान बड़ा है नहीं तो वैसे नोबेल , रैमेन
जीवन में ईनाम नहीं स्थान बड़ा है नहीं तो वैसे नोबेल , रैमेन
Rj Anand Prajapati
गुज़रे वक़्त ने छीन लिया था सब कुछ,
गुज़रे वक़्त ने छीन लिया था सब कुछ,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
माँ जब भी दुआएं देती है
माँ जब भी दुआएं देती है
Bhupendra Rawat
कविता
कविता
Nmita Sharma
Loading...