जिसने राम नाम गुण गाया
छंद चौपाई —
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राम नाम सबको अति भाया।
राम जपे सो जग तर पाया।(१)
कष्ट मिटें संकट मन पीरा।
शांत होय मन होतअधीरा।(२)
नाम जानकी जो जन लेवे।
उसको माता सब कुछ देवे।(३)
नाम लखन का जिस उर आया।
उस मानव ने सब कुछ पाया।(४)
भ्रात भरत को जो मन भाया।
रघुबर ने तब हाथ बढ़ाया। (५)
जो सुमरौ रिपु दमन सुनामा।
मिलै उसे समुचित परिणामा।।(६)
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सवैया छंद
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हम राम भजे हम कृष्ण भजें मन में बस राम समाय रहे।
मन चंचल है मन दुर्बल है हरि साँस लबों बिच छाय रहे।।
हरि नाम भला सतनाम भला मन में यह गीत बजाय रहे।
दिल से हम टेर करें हरि से हम नाहक शोर मचाय रहे।।
सभी देशवासियों को हनुमान जयंती की हार्दिक बधाई व अशेष शुभकामनाएं।
समर्पित हैं कुछ दोहे और चौपाईयां
कष्ट हरें सबके सकल,पवन पुत्र हनुमान।।
कोरोना से नित सहज, निकलें जिनके प्राण।(१)
सब दुनिया बेचैन है,सुनिए पवन कुमार।
चरणों में अब लीजिए,हे जग के आधार।।(२)
कोरोना से कीजिए,अब सबको ही मुक्त।
भय से मुक्ति दीजिए ,कीजै कुछ उपयुक्त।।(३)
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सदा रहे रघुबर अनुयायी।
सकल जगत में महिमा गायी।।(१)
राम कथा के हैं प्रचारक।
दीन दुखी के हैं वह पालक।।(२)
हुए मूरछित लछमन भ्राता।
तुरत निभाया अपना नाता।।(३)
पल भर में बूंटी वह लाए।
लखन भ्रात के प्राण बचाए।।(४)
जो मन से हनुमान पुकारे।
उस जन के सब काज संवारे।।(५)
जो हनुमत के गीत सुनावे।
अंत काल वह मुक्ती पावे।।(६)
भक्ति भाव से कीजिए,अर्चन प्रभु श्रीराम।
जो हनुमत वंदन करे,बनते बिगड़े काम।।(७)
करें ईश भक्ति सदा,उर में धरकर ध्यान।
कष्ट मिटें तन के सभी,सहज होय कल्यान।।(८)
बोलो पवनसुत हनुमान जी की जय!
रामभक्ति
“एक गीत ”
जिसने राम नाम गुण गाया भेद उसी ने उसका पाया।
राम नाम ही अपना है बस बाकी सब झूठी माया।।
भक्तों के सारे कष्टों को
क्षण भर में हर लेते हैं।
जग के झूठे मोह बंधन से
मुक्त उसे कर देते हैं।।
पार वही हो जाता भव से जिसको राम नाम है भाया।
जिसने राम नाम गुण गाया भेद उसी ने उसका पाया।
कष्ट हरे शबरी के क्षण में ,
जीवित हुई अहिल्या पल में।
गिद्ध राज तर गए भवसागर ,
श्रीराम का सानिन्ध्य पाकर।
श्रीराम की कथा जो गाए ,
कष्ट स्वतः उसका मिट जाए।
भवसागर से पार लगाया जो भी उसकी शरण में आया।
जिसने राम नाम गुण गाया भेद उसी ने उसका पाया।
जय श्री राम
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बोलो पवनसुत हनुमान जी की जय!
अटल मुरादाबादी