Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Nov 2017 · 1 min read

जिश्म में छूपा दोपहर रखती है

वो होठों में अपने गंगा सा जल रखती है
हर पल जाने क्यों मुझ पे नजर रखती है

गुलसनों की बात उसके सामने क्यो करूँ
वो बदन पर ही फूलो के शजर रखती है

जब जिश्म चदर सा बिछ जाता है उसका
लिहाफ की सिलवट खुद में लहर रखती है

उसकी आँखों में जाने कहाँ खो गया हूँ मैं
वो आँखो में ही छुपा कर समंदर रखती है

जरा गौर से देखना तुम मेरे दोस्तों उसको
तुम्हारी भाभी तो नजरों में खंजर रखती है

तेरे इस बेदाग़ चाँद से चेहरे पे लटकती लट
अपने आप में जहरीला इक अजगर रखती है

जब रुखसार करती हो मेरे इस दिल पर जाँ
लहरों का उमड़ता एक वो समंदर रखती है

मोहबत के खेल में वो अनजान नही है प्यारे
मनमोहन कृष्ण से वो भी कई हुनर रखती है

ऋषभ कड़कती सर्दी से तुझको क्या परेशानी
वो अपने इस जिश्म में छुपा दोपहर रखती है

1 Like · 274 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हिंदी हाइकु- नवरात्रि विशेष
हिंदी हाइकु- नवरात्रि विशेष
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
लगाव
लगाव
Arvina
तुम
तुम
Punam Pande
*वही एक सब पर मोबाइल, सबको समय बताता है (हिंदी गजल)*
*वही एक सब पर मोबाइल, सबको समय बताता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
भोर पुरानी हो गई
भोर पुरानी हो गई
आर एस आघात
चुन लेना राह से काँटे
चुन लेना राह से काँटे
Kavita Chouhan
I am sun
I am sun
Rajan Sharma
तुम शायद मेरे नहीं
तुम शायद मेरे नहीं
Rashmi Ranjan
अंदाज़े बयाँ
अंदाज़े बयाँ
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
घर वापसी
घर वापसी
Aman Sinha
It is necessary to explore to learn from experience😍
It is necessary to explore to learn from experience😍
Sakshi Tripathi
हम
हम
Shriyansh Gupta
जो उमेश हैं, जो महेश हैं, वे ही हैं भोले शंकर
जो उमेश हैं, जो महेश हैं, वे ही हैं भोले शंकर
महेश चन्द्र त्रिपाठी
ख्वाहिशे  तो ताउम्र रहेगी
ख्वाहिशे तो ताउम्र रहेगी
Harminder Kaur
"अंतर्मन में पलता
*Author प्रणय प्रभात*
3131.*पूर्णिका*
3131.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
Er. Sanjay Shrivastava
11. एक उम्र
11. एक उम्र
Rajeev Dutta
जो चाहो यदि वह मिले,
जो चाहो यदि वह मिले,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ओम् के दोहे
ओम् के दोहे
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अपना मन
अपना मन
Neeraj Agarwal
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
sushil sarna
' समय का महत्व '
' समय का महत्व '
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
💐प्रेम कौतुक-441💐
💐प्रेम कौतुक-441💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रात अज़ब जो स्वप्न था देखा।।
रात अज़ब जो स्वप्न था देखा।।
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
इश्क़ और इंकलाब
इश्क़ और इंकलाब
Shekhar Chandra Mitra
कोई उम्मीद किसी से,तुम नहीं करो
कोई उम्मीद किसी से,तुम नहीं करो
gurudeenverma198
"लाभ के लोभ"
Dr. Kishan tandon kranti
"विचित्रे खलु संसारे नास्ति किञ्चिन्निरर्थकम् ।
Mukul Koushik
Loading...